चाची की चुदाई (चाची के भाई ने की)


हेलो दोस्तों,, मैं अजय,, 
हरियाणा से, मैं आपको एक बात बताने जा रहा हूँ,, जो मेरी चाची के बारे में हैं,, मेरी चाची बहुत ही चुदकड़ है और मैंने उसको अपने ही भाई से चुदाई करवाते देखा है,, मेरी चाची का नाम कामिनी है

उसकी उम्र करीब 40 साल होगी,, लेकिन फिगर ऐसी है की जवान लड़कों को तो क्या,, बुड्ढों का भी हाल-बेहाल कर दे. मोटे मोटे मदमस्त बूब्स, गोल मटोल गांड, लम्बे रेशमी बाल और पतली कमर,, और सूरत ऐसी की जैसे कोई लाजवाब हसीना,,, उनका घर हमारे घर से थोड़ी दूर था,, मगर अक्सर आना जाना लगा रहता था ,,

कामिनी चाची की दो बेटियां और एक बेटा है. दोनों बेटियां भी चाची पर गई हैं. एक दम चालु माल,, बड़ी बेटी शालिनी,, स्कूल टाइम से चुदाई करवाने लगी थी और छोटी बेटी ख़ुशी तो और भी सुंदर और जबरदस्त माल लगती है. वो भी एक नंबर की चुदकड़,,, बस जरा सी लाइन मारने की देर है,, खुद बोलेगी की चलो किसी होटल में ले चलो मुझे,,

चाची का लड़का रोहन भी एकदम रंडीबाज है और मैं जानता था कि अगर उसे मौका मिले तो वो खड़े-खड़े तीनों मां- बेटियों को चोद डाले. चाचा एकदम सीधे साधे,, उनकी कोई भी नहीं सुनता था,, इस लिए वो किसी को कुछ कहते ही नहीं. और वैसे भी ज्यादातर वो अपनी दुकान पर ही रहते थे.. सुबह चले जाते और शाम को ही घर आते..

एक दिन मैं अपने दोस्तों के साथ कही जाने वाला था,, मैं अपने दोस्तों के साथ मार्किट चला गया,, वहां पर मैंने अपनी चाची के भाई को देखा, जो एक केमिस्ट की दुकान पर खड़ा था,, मैंने सोचा की जाकर उनसे मिलता हूँ,, मगर जब मैं उनसे मिलने दुकान के अंदर गया और उनके पीछे खड़ा हुआ तो दुकान वाला उनको कंडोम का पैकेट दे रहा था,,

मैं  देख कर हैरान रह गया की चाची का भाई जो चाची से भी बड़ा था,, और उसकी उम्र भी करीब 45 के आस पास होगी,, वो कंडोम किस के लिए खरीद रहा है,, मैंने सोचा की आज इनका पीछा करता हूँ,, और देखता हूँ की यह कहाँ जाते हैं,, इस लिए मैं मुंह घुमा कर खड़ा हो गया और वो बिना मुझे देखे दुकान से उतर गए,,, और अपनी बाइक लेकर चले गए,,

मैंने अपने दोस्तों से बहाना बनाया और चाची का भाई की पीछा करने लगा,, मगर मैं तो और भी हैरान रह गया, जब मैं उसका पीछा करते हुए अपने चाचा के घर पर ही पहुँच गए,, मैं कुछ देर पीछे ही रुक गया, और चाची का भाई चाचा के घर चला गया,

यार कुछ तो चक्कर है,, चाची और उसकी दोनों बेटियां मस्त माल हैं,, पक्का किसी एक को चोदता होगा यह बंदा,,, (मैं मन ही मन सोचने लगा)  और मैं भी बिना उनके घर की डोर बैल बजाये, घर में घुस गया,,

मुझे पता था की चाचा के घर में एक पीछे से भी दरवाजा है,, मैं उस तरफ चला गया और देखा की दरवाजा खुला हुआ था,, अंदर से चाची की आवाज आ रही थी - बहुत लेट हो गए आप भैया,, मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी,,

चाची का भाई बोला - अरे कामिनी,, तुम्हारा माल ही खरीद रहा था,, अब बताओ जीजा जी या बच्चे घर में जल्दी तो नहीं आएंगे,, हमें डिस्टर्ब तो नहीं करेंगे,,,

चाची बोली - नहीं नहीं कोई नहीं आएगा,, शाम तक हम अकेले ही हैं घर में,, चाहे पुरे कपडे उतार कर घूमो घर में..

चाची का भाई बोला - ओह्ह्ह,, क्या बात है,, तो चलो फिर अभी बैडरूम में चलते हैं,, एक बार तुम्हारी चुत चोद कर ही चाय पीऊँगा,, 

चाची भी हंसने लगी और बोली - हाँ हाँ क्यों नहीं,, मैं तो कब से अपनी चुत को बेहला रही थी की कब मेरा भैया आये और कब मेरी चुत की आग को ठंडा करे..

उनकी ऐसी बातें सुनकर मैं तो हक्का बक्का रह गया,, यार चाची इतनी गन्दी है की अपने भाई से ही चुदवाती है,,

मैंने दरवाजे से अंदर झाँका तो चाची का भाई चाची को अपनी गोद में उठा कर बैडरूम में लिजा रहा था,, चाची की काले रेशमी बाल नीचे लटक रहे थे और उनकी साडी भी आधी खुली हुयी नीचे लटक रही थी,,, उनके ब्लौज में से उनके चुचों के उभार भी दिख रहे थे,, मैं चाची की एक झलक ही देख पाया था की फिर वो बैडरूम में घुस गए..

मैं भी दबे पाऊँ अंदर आ गया, अंदर से चाची के हंसने की आवाज आ रही थी, वैसे तो दरवाजा भी खुला था,, मगर मैं खिड़की से ही देखने लगा,, चाची बिस्तर पर लेटी हुयी थी और उनका भाई ब्लौज के ऊपर से उनके मम्मे मसल रहा था,, फिर उसने चाची का ब्लौज उतार कर फेंक दिया और फिर ब्रा भी निकाल फेंकी.

उफ्फ्फ्फ़,, क्या बूब्स थे चाची के, गोल गोल और गोरे गोरे,, और उनकी निपल भूरे से रंग की एक दम से अकड़ी हुयी थी,,, 

उसके बाद चाची का पेटीकोट भी उतार दिया,, चाची अब सिर्फ पैंटी में ही थी,, चाची भी अपने भाई की कमीज खोलनी लगी और उसके बाद पेंट की हुक भी चाची ने ही खोली,, चाची के भाई ने खड़े होकर अपनी पेंट को भी निकाल दिया,, और अपना कच्छा भी निकाल दिया,, क्या लंड था उसका,, कम से कम 9 इंच का तो होगा और 4 इंच का मोटा सुपाड़ा तो होगा ही,, चाची अपने भाई को नंगा देखकर मुस्करा रही थी,,

चाची के भाई ने फिर कंडोम का पैकेट निकाला, वो ही जो उसने बाजार से ख़रीदा था,, और उस मे से एक कंडोम निकाल कर अपने लंड पर चढ़ा लिया और फिर चाची की दोनों टांगों के बीच में आकर बैठ गया और चाची की पैंटी की खींच कर उतार दिया,, 

मैं बाहर खड़ा सब कुछ देख रहा था,, और मेरा लंड भी तन कर मुसल बन चूका था,,, ऐसी पोर्न मूवी तो मैंने आज तक नहीं देखी थी,, और वो भी लाइव ,, सीधा प्रसारण,, मैं अपने लंड को सहलाने लगा,,

उधर चाची के भाई ने अपना लंड चाची की दोनों टांगों को बीच में उनकी फुद्दी में घुसेड़ दिया था,, चाची की मुंह से आअह्ह्ह्हह आआह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाजें निकलने लगी थी,,, चाची का भाई अपना खम्बे जैसा लंड चाची की चुत में पूरा घुसेड़ कर फिर से बाहर निकाल लेता और फिर अगले ही पल फिर से घुसेड़ देता,

चाची अपने ही भाई के नीचे तड़प तड़प कर आअह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह इसशहहहह की आवाजें निकाल रही थी और उसका भाई बेरहमी से उसकी चुत में अपना लंड पेले जा रहा था,,

कामिनी चाची नीचे से चिला रही थी - आअह्ह्ह्हह आअह्ह्ह्हह भैया,,, और जोर से चोदो, जोर से … बहुत दिनों के बाद तुमसे चुद रही हूँ,,, आज जोर जोर से चोद अपनी बहन को,,, आअह्ह्ह चोद मुझे … चोद बहनचोद … चोद!

चाची का भाई - हाँ कामिनी,, चोद रहा हूँ,, जोर जोर से ही चोद रहा हूँ,, मैं भी तो कितनों दिनों से तड़प रहा हूँ तुम्हारी चुदाई करने को,,, जो मजा तुम और शालिनी देती हो,, वो मजा तुम्हारी भाबी की चुत में नहीं मिलता

शालिनी का नाम सुनते ही मेरे कान खड़े हो गए,, क्योंकि शालिनी तो चाची की बेटी थी,, क्या चुदकड़ लोगों का परिवार है यार (मैं मन में सोच सोच कर अपने लंड को मसले जा रहा था)

फिर कामिनी चाची बोली - हाँ हाँ क्यों नहीं,, तेरी ही तो बेटी है,, उसे चोदने में तुझे तो मजा आएगा ही,, और वो भी ऐसी है की अपने बाप से भी चुदवाती है और पुरे मोहल्ले वालों से भी ,,

चाची का भाई बोला - तो क्या करता कामिनी,,,, जब शालिनी ने हमें चुदाई करते हुए देख लिया था, तो उसी ने ही तो बोला था की मेरी भी चुदाई करो,, वर्ना मैं सबको बता दूंगी,, और तुमने भी तो कहा था की अगर बहन को चोदते हो तो बहन की बेटी को भी चोद लो,, 

फिर से चाची बोली - हाँ मैंने तो इसी लिए कहा था की जब वो इतने मर्दों से चुदवा ही चुकी है तो फिर तुमसे चुदवाने में क्या जाता है,, और वैसे भी यह तो घर की बात है, जो घर में ही रहेगी,, (और फिर दोनों ही हंसने लगे)

मुझे उनकी बातें सुनकर हैरानी भी हो रही थी और ख़ुशी भी हो रही थी की जैसी मेरी चाची और चाची की बेटियां है,, अगर में उनसे चुदवाने के लिए बोलूंगा तो वो मुझे कभी मना नहीं करेंगी,,, और वो बात सुनकर तो मैं और भी हैरान रह गया की  शालिनी, चाची और चाची के भाई की ही बेटी है,, जो उनके नाजायज संबंधों की निशानी है

उसके बाद उन दोनों की चुदाई की स्पीड बढ़ गई,, और चाची फिर से जोर जोर से चिलाने लगी,, उसका भाई भी जोर जोर से उछल उछल कर चाची की चुत में अपना लंड पेलने लगा और फिर जोर जोर के झटकों से वो दोनों शांत हो गए और चाची का भाई चाची के ऊपर ही लुढ़क गया,,

वो दोनों हांफ रहे थे, चाची ने अपने भाई को एक तरफ धकेला और चाची का भाई बैड पर लेट गया साथ ही उसका लंड जो अभी तक चाची की चुत में ही था,, फचक की आवाज से बाहर निकल आया,, और उसका कंडोम उसके वीर्य से भरा हुआ था,,, चाची की चुत भी बहुत गीली गीली नजर आ रही थी,,,

फिर चाची का भाई बोला - एक बात बताओ कामिनी,, तुम्हारा पति तो नामर्द था,,, और तुम्हारी पहली बेटी शालिनी तो मेरी औलाद है,, मगर बाकि दो बच्चे किस के हैं,,

चाची बोली - तुम्हारी बहन को कौन सा लौडों की कमी है कोई,, अब तक सैंकड़ों मर्दों के लौड़े अपनी चुत में घुसवा चुकी हूँ,, और रही बात ख़ुशी और रोहन की तो ख़ुशी तो मेरे जेठ जी की औलाद है और रोहन के बारे में तो मैं खुद नहीं जानती की किस की औलाद है, क्योंकि उन दिनों में एक साथ चार चार मर्द मेरे ऊपर चढ़ जाया करते थे,,

चाची के मुंह से जेठ जी नाम सुनकर मैं समझ गया की वो मेरे पापा की बात कर रही है,, क्या बात है मेरे पापा ने भी चाची को चोदा है और शायद अभी भी चोदते हों,, (मैं फिर से मन में सोचने लगा)

चाची का भाई बोला - जानता हूँ चार चार मर्द तो तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं थे,, एक बार तुमने मेरे ही पांच दोस्तों से चुदाई करवाई थी,, वो भी उस रात जिस रात मेरी शादी हो रही थी,,,,

चाची हैरान होते हुए और हँसते हुए बोली - अरे भैया, तुमको कैसे पता चला, तुम तो अपनी शादी में व्यस्थ थे ना,,

चाची का भाई बोला - पता कैसे ना चलता, आखिर बहन किस की है तू,, मुझे पता था की तू इस मौका का फायदा जरूर उठाएगी,, इस लिए मेरी नजर तुझ पर ही थी ... (चाची फिर से हंसने लगी)

चाची हँसते हुए बोली - हाँ भैया,, सच में उस रात मैनें बहुत मस्ती की थी,,, और वो आपके पांचों दोस्त भी मान गए थे मुझे,, बोल रहे थे की ऐसी चुत उनको पहले कभी नसीब नहीं हुयी चोदने के लिए..

चाची का भाई - हाँ हाँ क्यों नहीं कामिनी,, उस दिन तुम सज संवर कर खूबसूरत भी बहुत लग रही थी,, मेरा तो खुद का मन कर रहा था की तुमको कही स्टोर रूम में बुला लूँ और तुम्हारी चुदाई कर दूँ,, मगर उस दिन मुझे मौका ही नहीं मिल पाया,, और तुम भी मेरे उन पांच दोस्तों के साथ व्यस्थ थी... 

चाची फिर से बोली- हाँ हाँ भैया,, उन पांच दोस्तों के बारे में तो आपको पता चल गया,, मगर एक बात का आपको पता नहीं होगा,,

चाची का भाई - किस बात का मेरी प्यारी बहना,,,

चाची मुस्कराती हुयी बोली - जब आपकी बारात आपके ससुराल पहुंची थी,, तब भी मैंने आपके 3 सालों और आपके ससुर से चुदाई करवाई थी,,,

चाची का भाई हैरान होते हुए बोला - क्या कामिनी,, तुमने शादी वाले दिन ही उनसे चुत चुदवा ली थी,, मैंने तो सोचा था की की शादी के बाद ही तुम्हारी सेटिंग मेरे सालों से हुयी है,, और मेरे ससुर ने भी तुमको चोदा है,, उस बारे में तो मुझे पता ही नहीं था,,, 

उन दोनों की बातें सुन सुन कर मेरा तो बुरा हाल हो रहा था,, मेरा लंड ऐसे अकड़ा हुआ था की या तो मैं उसे चाची की चुत में घुसेड़ना चाह रहा था और या फिर हाथ से ही हिला कर शांत करने की सोच रहा था..

कामिनी चाची फिर से बोली - तुम्हारे ठरकी ससुर से ही तो मैं सबसे पहले चुदी थी भैया,,, वो तो मेरे हुस्न और जवानी को देखकर ऐसे पगला रहा था की किसी ना किसी बहाने मेरी पीठ पर हाथ फेरने लग जाता और कभी बेटी बेटी बोल कर मेरे चुचों को अपनी छाती से दबा लेता था, ऐसा कर कर के उसने तो मुझे गरम कर दिया था और फिर मैं क्या करती,, मैंने खुद ही उसका लंड पकड़ लिया,,, बस फिर क्या था वो मुझे स्टोर रूम में ले गया और घोड़ी बना कर मेरी चुदाई शुरू कर दी,, बड़ा ज़ालिम लंड था उसका,,, एक घंटे तक मुझे चोदता रहा,, उसके बाद तुम्हारा बड़ा साला स्टोर रूम में कुछ लेने आया तो वो भी मुझे चोदने लग गया,,  फिर उसे ढूंढते हुए तुम्हारे बाकि के दो साले भी आ गए और फिर वो भी मुझे चोदने लग गए,, उस दिन तो उनहोंने मुझे ऐसे चोदा था जैसे वो अपनी बहन का बदला ले रहे हों,, इतनी बुरी हालत करदी थी उन चारोँ ने मिलकर मेरी की,, मुझे अपना मेकअप भी दुबारा करवाना पड़ा था,, 

चाची का भाई चाची की बात सुनकर हँसने लगा और बोला - अरे वाह कामिनी,, मुझे तो इस बात का पता ही नहीं था,, की तुमने मेरी शादी में इतने मजे लुटे थे,,, खैर अब कुछ खिला पिला दो अपने भैया को,, या दूसरा राउंड लगवाकर ही कुछ खाने को दोगी...,, 

चाची बोली - अरे हाँ भैया,,  मैं तो भूल ही गई थी की अभी तक तुमको चाय भी पीनी है,, तुम लेट कर अपने लंड को सेहलाओ तब तक मैं चाय के साथ कुछ खाने के लिए लाती हूँ ,, ऐसा बोलते हुए चाची बिना कपडे पहने बैड से उठी और बाहर की तरफ आने लगी,, मगर चाची को आता देख मैं डर गया और जल्दी से सीढ़ियों के नीचे छिप गया,,

तो दोस्तों,, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी,, मुझे कमेंट करके जरूर बताना,,

मैं आपको दूसरे भाग में बताऊंगा की मैंने चाची को और उसकी दोनों लड़कियों को कैसे चोदा.

धन्यवाद,,