कोमल बनी गरमा-गरम मेहमान-1



लेखिका - कोमलप्रीत कौर

हेलो दोस्तो, मैं आपकी प्यारी भाबी कोमलप्रीत कौर,, मेरे बारे में तो आप जानते ही हैं की मेरे पति आर्मी मे है और मैं जालंधर के पास एक गाँव मे अपनी सास और ससुर के साथ रहती हूँ, मेरी हाइट 5′-2″ की है और मैं स्लिम बॉडी की मालकिन हूँ, एक दम गोरी चिटी हूँ,,, मेरे बड़े बड़े बूब्स (34) एक दम गोल मटोल है और आगे को तने हुए रहते है, उनके नीचे मेरी पतली सी कमर (28) है और उसके नीचे तो कयामत है,,, मतलब मेरी बड़ी सी गांड (36) जिस को मैं बड़े ही मदमस्त अंदाज से लटक झटक कर चलती हूँ, और फिर मेरी गांड तक लहराते हुए मेरे काले रेशमी बाल देखकर तो लड़कों के होश उड़ जाते है, और लड़के ही नही मुझे देख कर तो बूढ़ों के मूह मे भी पानी आ जाता है,,,

तो दोस्तो,, मेरी मौसी दिल्ली में रहती हैं,, और कुछ समय पहले उनकी बेटी की शादी थी, जिस कारण मेरी मौसी ने मुझे शादी से 10 दिन पहले ही आने को बोल दिया,, मेरे पति की पोस्टिंग दूर थी तो वो नही आ सकते थे,, इस लिए उन्होंने मुझे अकेले ही शादी में जाने के लिए बोल दिया,, और मैं चली भी गयी,, मेरी मौसी की लड़की नेहा और मौसी के लड़के गोपी के साथ मेरी बहुत जमती थी,, इस लिए पहले 2 दिन तो हम खूब घूमे फिरे और फिर शादी की शापिंग में बिज़ी हो गये,,,,

हमारे साथ मौसा जी के भाई का लड़का राहुल भी हमारी हेल्प करता, घर में शादी का माहौल था तो हम लोग देर रात तक जागते और फिर सुबह लेट ही उठते, राहुल भी वहीं रुक जाता, और ऐसे में जिसको यहाँ जगह मिलती सो जाता, राहुल देखने में स्मार्ट और शर्मीला सा था,,,,,, मगर मैनें एक दो बार नोटीस किया की वो मुझ में कुछ ज़्यादा ही दिलचस्पी ले रहा था,, क्योंकि उसकी नज़रें मेरे गहरे गले से दिख रहे मेरे गोल गोल बूब्स पर अक्सर ही टिकी रहती थी,, और जब मैं उसकी तरफ देखती तो वो झट से दूसरी तरफ चेहरा घुमा लेता,,,

एक रात देर तक मैं और नेहा किसी काम में लगी हुई थी,, और जब हम सोने के लिए रूम में गयी तो,,, देखा की रूम का एसी (AC) काम नही कर रहा था,, और गर्मी भी बहुत थी,, मौसा और मौसी जी तो पहले ही अपने रूम में सो चुके थे,

नेहा ने दूसरे रूम में जाकर देखा तो वहाँ गोपी और राहुल सो रहे थे,, नेहा ने कहा दीदी मैं यहाँ नीचे सो जाती हूँ और आप बैड के उपर सो जायो,,

मगर मैनें कहा - नेहा,, वहाँ पर तो गोपी और राहुल सो रहे हैं,, मैं... उनके साथ.... कैसे .....

अबी मैनें अपनी बात पूरी भी नही की थी की नेहा बोली,,, - दीदी,, घबराती क्यों हो ,,वो आपके भाई ही तो हैं,,, आप एक साइड पर होकर सो जायो,,,

मैनें बैड की तरफ देखा तो एक किनारे पर गोपी सो रहा था और उसके साथ राहुल सो रहाथा और राहुल के पास वाली जगह खाली पड़ी थी, मतलब की मुझे राहुल के पास लेटना था,, मैनें मन में एक बार सोचा की लेट जाती हूँ,, राहुल को भी कुछ करने का मौका मिल जाएगा,, और मेरी चूत जो कितने दिनों से नही चुदी है,, उसे भी अपनी प्यास बुझाने का मौका मिल जाएगा,,, मगर फिर सोचा की अगर कुछ हुया और मौसी को पता चल गया तो बहुत बुरा होगा,,,

इस लिए मैंने नेहा को कहा - नेहा तुम बैड पर लेट जायो और मैं नीचे लेट जाती हूँ,,,

मगर नेहा ने कहा - नहीं दीदी,, आप हमारी मेहमान हैं और आपको नीचे सुलाकर मैं खुद उपर सो जाऊं,,, एसा नही हो सकता,, 

आख़िर मुझे नेहा की बात माननी ही पड़ी और मैं राहुल के साथ खाली पड़े बिस्तर पर लेट गयी,, और नेहा नीचे ही लाइट बंद करके सो गई,, मगर फिर भी कमरे में हल्की सी लाइट जल रही रही थी.

मगर अब मुझे नींद कहाँ आने वाली थी, किसी सुंदर स्मार्ट लड़के के पास उसके बिस्तर पर लेटी हूँ और मुझे नींद आ जाए, हो ही नही सकता, मैनें राहुल की तरफ देखा वो गहरी नींद में सो रहा था,, फिर मैनें उसके लंड वाली जगह पर देखा तो उसका लंड भी बिना हिलजुल किए आराम से सो रहा था,,,

काफ़ी देर तक मैं ऐसे ही करवटें बदलती रही,, और सोने की कोशिश करती रही,, मगर मुझे नींद कहाँ आने वाली थी,, मैं कभी नेहा की तरफ देखती, कभी गोपी की तरफ और कभी राहुल और उसके लंड की तरफ देखती,, मगर सभी गहरी नींद में थे,,,

मैं राहुल की तरफ पीठ करके लेट गयी,,, तभी कुछ देर बाद अचानक से राहुल ने करवट बदली और वो मेरी तरफ घूम गया,  करवट बदलने से उसकी एक टाँग मेरी गांड के उपर आ गयी और उसका बाजू मेरी कमर के उपर से होता हुया मेरे पेट के सामने आ गया, और मेरे खुले हुए बाल जो सिरहाने की तरफ बिखरे हुए थे,, उनके उपर उसका चेहरा आ गया,,,

मुझे लगा की शायद अब राहुल जाग जाएगा,,,, इस लिए मैं बिना हिले चुपचाप लेटी रही, मगर काफ़ी देर तक राहुल ने जब कोई हिलजुल नही की तो मैं समझ गयी की वो अभी भी सो रहा है,,

मगर मैं अब राहुल के नीचे आधी दबी पड़ी थी,, उसका लंड मेरी गांड से कुछ ही दूर था और उसका हाथ भी मेरे बूब्स क बिल्कुल पास,,, मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी थी,, और मेरी चूत में भी कुछ कुछ होने लगा था,, मेरा मन कर रहा था की खुद ही राहुल से लिपट जाऊं और उसके लंड को अपनी चूत में घुस्वा लूँ,, मगर नेहा और गोपी के जाग जाने के डर से कुछ भी नही कर सकती थी,,

कुछ देर तक मैं वैसे ही लेटी रही,,, मगर फिर मैनें सोचा की इन सब के सोते सोते जो मज़ा लूट सकती हूँ वो तो लूट लूँ,,, 

इस लिए मैनें अपने आप को थोड़ा सा पीछे की तरफ खिसका दिया और मैं राहुल के साथ चिपक गयी,, अब उसके लंड वाली जगह मेरी गांड के साथ टच हो रही थी,, और उसकी छाती मेरी पीठ के साथ चिपकी हुई थी,,, मेरे बाल तो पहले से ही उसके चेहरे के नीचे दबे पड़े थे,,

मैनें राहुल का हाथ अपने हाथ में लिया और अपने बूब्स के उपर रख दिया,, फिर दूसरे हाथ को पीछे लीजाकर उसके लंड के उपर रख दिया,, और उसके पाजामे के उपर से ही उसके लंड को सहलाने लगी,, और दूसरे हाथ से अपने बूब्स को दबाने लगी,,,

राहुल का लंड धीरे धीरे खड़ा होकर सखत होने लगा और मैं उसके लंड के साथ अपनी गांड को रगड़ने लगी,,

फिर मैनें अपना हाथ उसके पाजामे के अंदर डालकर उसके लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से उसे मसलने लगी,,

मैं बीच बीच में नेहा और गोपी की तरफ भी देख लेती,,, जो आराम से सो रहे थे,, मगर मेरी ऐसी हरकतों से मेरी हिम्मत और भी बढ़ती जा रही थी,,, मैं इस मौके के पूरा मज़ा लेना चाहती थी,, और जब तक लंड मेरी चूत में ना उतर जाता मुझे पूरा मज़ा कहाँ आने वाले था,,,

मैं अपने पाजामे के उपर से ही राहुल के लंड को अपनी चूत के होंठों पर रगड़ने लगी, मेरी चूत तो पहले से ही ऐसी थी की लंड देखते ही पानी छोड़ने लग जाती है और अब तो लंड उसके होंठों के उपर था,, बस एक पाजामे और पैंटी की ही तो दीवार थी,, मेरी चूत पूरी गीली होकर रस टपकाने लगी थी,, जिस से मेरी पैंटी भी गीली हो रही थी.,

मैनें अपने पाजामे में अपनी उंगलियाँ डाली और अपनी गांड को थोड़ा सा उपर उठाकर पीछे से अपने पाजामे और पैंटी को नीचे सरका दिया,, और अपनी झंघों तक ले आई, जिस से मेरी चूत नंगी होकर राहुल के लंड से टकराने लगी,

मैनें अपनी चूत को थोड़ा सा पीछे धकेला और अपने एक हाथ से राहुल के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के मुँह पर रख दिया,, मेरी प्यासी चूत तो पहले से ही अपने होंठ फैलाए हुए राहुल के लंड को भीतर लेने के लिए तड़प रही थी,, मेरी गीली चूत में राहुल के लंड का सुपाड़ा धीरे धीरे घुसने लगा,,

मैं मन में सोचने लगी की काश राहुल जाग रहा होता तो एक झटके से अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड देता,,,,, तो मुझे कितना मज़ा आता,, मगर खैर अब धीरे धीरे ही सही लंड तो चूत में घुस ही रहा है ना,,,,

जैसे जैसे राहुल का लंड मेरी चूत में घुस रहा था,, वैसे वैसे ही लंड और अंदर तक लेने की मेरी इच्छा बढ़ती जा रही थी,, और मैं अपनी चूत का दबाव राहुल के लंड पर भी बढ़ाती जा रही थी,,,

उधर राहुल,,, जिस का लंड एक दहकते हुए तंदूर जैसी चूत में घुस रहा था,,, भला वो कैसे सोता रह सकता था,, मेरी गरमा गर्म चूत में उसका लंड घुसने से वो भी कुछ हिलजुल करने लगा,, मैं उसके जाग जाने के डर से कुछ देर के लिए बिना हीले वैसे ही लेटी रही,, राहुल के लंड का सुपाड़ा अभी भी मेरी चूत में ही था,, और उसका हाथ भी मेरे बूब्स के उपर ही था,, जिसको मैनें पकड़ रखा था,,


मगर जैसे ही राहुल
को होश आया तो उसने घबरा कर जल्दी से अपनी टाँग मेरी गांड के उपर से उठाई तो उसका लंड भी मेरी चूत से बाहर आ गया,, ओह्ह्ह्ह्ह लंड चूत से बाहर आते ही मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने स्वर्ग के ताले से उसकी चाबी निकाल ली हो,,,

पता नही राहुल अब कुछ करेगा भी या नहीं ,, - (मैं अपने मन में सोचने लगी)

राहुल का हाथ जो मेरे बूब्स के ऊपर था उसने उसको भी दबाया और फिर जल्दी से अपना हाथ भी पीछे खींच लिया,,, जैसे वो डर गया हो,,, शायद वो सोच रहा था की उसका हाथ गलती से मेरे बूब्स पर पहुँच गया है,,

मगर मैं वैसे ही चुप चाप लेटी रही और थोड़ी से आँखें खोल कर देखती रही की अब वो क्या करता है ,,, मैं उसकी ओर पीठ करके लेटी हुई थी,, मगर मैं यह ज़रूर जान गयी थी की अब उसकी नींद उड़ चुकी है,,,, और वो रात भर नही सोने वाला,, मैं तो बस इसी इंतजार में थी की कब राहुल सारी बात समझ जाए और अपना लंड फिर से मेरी चूत में घुसेड़ डाले... 

थोड़ी देर तक तो उसकी तरफ से कोई हरकत नही हुई,,, मगर फिर वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगा,, शायद वो मुझे पहचानने की कोशिश कर रहा था,,, क्योंकि नेहा के बाल बहुत छोटे छोटे थे और मेरे बाल लंबे थे,,,

मेरे चूतड़ों से पजामा अभी भी नीचे सरका हुआ था , और मेरे चूतड़ और चुत दोनों ही नंगे थे , भले ही कमरे में अँधेरा था,, मगर फिर भी वो मेरे चूतड़ों को तो देख ही सकता था,, और बिलकुल वैसा ही हुआ,, कुछ ही देर में राहुल ने मेरे चूतड़ के उपर अपना हाथ रख दिया, जब मेरी तरफ से कोई हिलजुल नही हुई तो उसने अपना हाथ मेरे चूतड़ पर घुमाना शुरू कर दिया,,, और फिर उसका हाथ मेरी गीली चूत के मुँह तक पहुँच गया,,

मेरी गीली चूत से टपक रहे रस में उसकी उंगलियाँ गीली हो गयी और उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत के अंदर घुसेड दी,, ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह इसी पल का तो मैं इंतजार कर रही थी की कब राहुल मेरी गीली चूत से खेलना शुरू करे,, मैनें अपनी चूत को एक दम से भींच लिया,, जैसे मैं उसकी उंगली को अपने अंदर समा लेना चाहती थी,, मेरी बदन में बिजली दौड़ने लगी थी और मेरे पसीने छूटने लगे थे,,


राहुल फिर से मेरे साथ चिपक कर लेट गया और अब वो अपना लंड पकड़ कर मेरी चूत के उपर रगड़ने लगा,,
उसका तना हुआ गरम गरम लंड मेरी गीली चुत में घुसने को बेताब था,, और मेरी चूत भी बुरी तरह से फड़फड़ा रही थी,,, मेरी उखड़ी हुयी सांस और जोर जोर से धड़क रहे दिल की धड़कन को शायद राहुल भी महसूस कर रहा था ,, और अब तक शायद वो भी जान चूका था की में जाग रही हूँ और उसका साथ देने के लिए तैयार हूँ ,,

मैं जल्द से जल्द राहुल का लंड अपनी चूत में घुस्वाना चाहती थी,, इस लिए मैनें बिना कुछ बोले अपनी गांड को थोड़ा और पीछे सरका दिया और अपना हाथ पीछे ले जाते हुए उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। ओह्ह्ह्हह्ह क्या लंड था उसका ,,,, पूरा 9 इंच का लंड ,,, एकदम लोहे की लठ जैसा,, 


मैंने उसके लंड को अपनी चुत के मुंह पर दबा दिया,, मेरे ऐसा करने से राहुल को भी ग्रीन सिग्नल मिल गया था और वो भी मेरे बूब्स को अपने हाथों में लेकर जोर जोर से दबाने लगा,, और साथ ही मुझे अपनी बाँहों में कस्ते हुए मेरे चेहरे को अपनी तरफ घुमा कर मेरे होंठों को चूसने लगा,, मैं भी उसका साथ देने लगी और साथ ही साथ उसके लंड को भी अपनी चुत के मुंह पर दबाती हुई मसलने लगी । 

फिर राहुल ने अपने लंड को मेरी चुत पर सैट किया और अपने लंड को मेरी चुत में घुसेड़ने लगा,, मेरी गीली चुत में लंड भला कैसे रुकने वाला था,, झट से लंड का सुपाड़ा मेरी चुत के होंठों को खोलता हुआ अंदर घुस गया,, मेरे होंठो से हलकी सी सिसकारी निकल गयी,, स्स्स्सह्ह्हह्ह आअह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह मगर मेरे होंठ राहुल के होंठो में होने के कारन वो सिसकारी हम दोनों के होंठों में ही दब गई ,, मगर फिर भी हम दोनों एहितयात के तौर पर नेहा और गोपी की तरफ देखने लगे,, जो दिन भर की थकावट के कारन गहरी नींद में सो रहे थे


हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और मुस्कराने लगे,, फिर राहुल ने मुझे अपनी और करवट लेने का इशारा किया, और मैं उसकी तरफ घूम गयी, अब मेरे बूब्स उसकी छाती से टच हो रहे थे और हम दोनों ने एक दूसरे को लेटे लेटे ही कस के जफ्फी डाल ली,, राहुल ने फिर से अपना लंड पकड़ा और मेरी चुत में लंड का सुपाड़ा घुसा दिया,, धीरे धीरे से लंड मेरी चुत में घुसने लगा,, मैनें पजामा पहना हुआ था जिस कारन मेरी टाँगे ज्यादा नहीं खुल पा रही थी,, 

मैनें धीरे से राहुल के कान में कहा, - कमरे से बाहर चलें क्या ,,

मेरी बात सुनकर उसने भी धीरे से मी कान में कहा - तुम रुको,, मैं बाहर देखकर आता हूँ ,,  और फिर वो उठ कर अपने पाजामे को सही करता हुआ कमरे से बाहर चला गया,,, और एक दो मिंट में ही उसने दरवाजा खोलकर मुझे हाथ से बाहर आने का इशारा किया,, मैनें गोपी और नेहा की तरफ देखा और मैं भी उठ कर कमरे से बाहर चली गयी,, बाहर लॉबी में अँधेरा था, राहुल ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे लेकर सीढ़ियों से नीचे उतर गया

हम दोनों नीचे बने एक स्टोर रूम में चले गए, वहां पर कुछ बेकार सामान के इलावा एक टेबल और गोपी भैया की जिम लगाने की मशीन पड़ी थी,, और उसके साथ कुछ बैंच भी पड़े थे, जिन के ऊपर लेट कर गोपी भैया जिम लगाते थे,,

स्टोर रूम में घुसते ही राहुल ने दरवाजा बंद कर दिया और एक हल्की सी लाइट जला दी,, फिर वो मेरी तरफ देखने लगा और मैं भी उसकी तरफ देखकर मुस्कराने लगी,,, राहुल ने मुझे फिर से अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा ,, मैं भी उसका साथ देने लगी,, हम दोनों एक दूसरे की जुबान को चूसने लगे, कभी मेरी जीभ राहुल के मुंह तो कभी राहुल की जीभ मेरे मुंह में,,

साथ ही राहुल मेरे चूतड़ों को मसलने लगा और मेरे खुले हुए लम्बे बालों में भी अपनी उँगलियाँ घुमाने लगा, राहुल का लंड उसके पाजामे के अंदर से ही सख्त होकर मेरी चुत से टकरा रहा था,, मैं भी इस मस्ती में खो कर राहुल की पीठ और उसके बालों में अपने हाथ घुमा रही थी  

फिर राहुल ने मेरे चूतड़ों के नीचे से हाथ डालकर मुझे उठा लिया और वहां पड़े एक टेबल पर बिठा दिया और फिर जल्दी से मेरे पाजामे को नीचे सरका दिया, मैंने भी अपनी गांड उठा कर पजामा उतरवाने में उसकी मदद की और फिर ऐसे ही उसने मेरी टी-शर्ट और मेरी पैंटी को भी उतर फेंका,, मैं उसके सामने बिलकुल नंगी टेबल पर बैठी थी, राहुल ने भी जल्दी से अपना पजामा नीचे किया और फिर मेरी टांगों को खींच कर मेरी दोनों टांगों के बीच में आ गया और अपना तना हुआ सख्त लौड़ा मेरी चुत के मुंह पर रख दिया,, मेरी चुत में तो पहले ही दो बार लौड़ा घुसते घुसते रह गया था, और अब तो मेरी चुत बहुत ही प्यासी हो रही थी लौड़े के लिए ।


जैसे ही राहुल ने अपना लौड़ा मेरी चुत पर रख कर एक झटका मारा,, तो मेरी चुत की दीवारों को खोलता हुआ लौड़ा मेरी चुत के अंदर घुस गया,, मेरा बदन अकड़ गया और मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगी,, अभी तक तो आधा लौड़ा ही मेरी चुत में घुसा था,, मगर अगले ही पल राहुल ने एक और झटका लगका कर पूरा लौड़ा मेरी गीली चुत में घुसा दिया,, ओह्ह्ह्हह्ह आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह सस्शह्ह्ह्ह  ओह्ह्ह्हह। मेरे मुंह से तरह तरह की आवाजें निकलनी शुरू हो गई ,, और मैं राहुल के बाजुओं को पकड़ टेबल पर पीछे की तरफ लेट गई,,

अब राहुल जोर जोर से अपना लंड मेरी चुत के अंदर बाहर करने लगा,, और मैं उसके सामने पड़ी मचलने लगी ,,, राहुल ने मेरी टाँगे पकड़ कर अपने कंधे पर रख ली और मेरी चुत में जोर जोर से अपना लौड़ा पेलने लगा,, सच में बहुत मजा आ रहा था,, राहुल से चुत चुदवाने का। मैं पूरी मस्ती में खोकर अपनी चुत चुदाई का मजा लेने लगी और फिर मेरी चुत से रस की फुहारें छूटने लगी, मेरी चुत पहले से भी ज्यादा गीली हो चुकी थी और मेरी ही चुत का रस बहकर अब मेरी गांड के नीचे तक आने लगा था,, उधर राहुल अभी भी मुझे जोर जोर से चोद रहा था, वो कभी मेरी एक टांग अपने कंधे पर रखता और कभी दोनों टाँगे ही कंधे पर रख लेता और कभी कभी तो दोनों टांगों को चौड़ा करके मेरी चुत में जोर जोर के धके लगाने लग जाता,,

फिर राहुल ने कहा - ओह्ह्ह्ह कोमल,, मेरा माल छूटने वाला है,, अंदर ही निकाल दूँ या फिर बाहर..

मैंने कहा - यहाँ तुमको अच्छा लगे वही निकाल दो,,

तो राहुल ने कहा - ठीक है,, फिर अंदर ही निकाल देता हूँ,,

मैंने कहा - ठीक है,, कोई बात नहीं,, निकाल दो,, अभी मैं ऐसा बोल ही रही थी की राहुल ने अपने धकों की स्पीड बड़ा दी और जोर जोर से मेरी चुत में अपना लंड घुसेड़ने लगा,, और फिर कुछ ही झटकों के साथ मेरी चुत में अपना सारा वीर्य निकाल दिया,, और फिर थक कर मेरे ऊपर ही लेट गया,, मैनें भी उसकी कमर को अपनी दोनों टांगों में भींच लिया । 

राहुल  फिर से मेरे मम्मों के साथ खेलने लगा और बोला - कोमल,, अगर तुम प्रेग्नेंट हो गई तो,,

मैंने कहा - तुम उसकी चिंता मत करो,, ऐसा कुछ नहीं होगा,,, तुम बस मजे लो और मुझे भी मजा दो,,

राहुल मुस्कराते हुए बोला - अच्छा,, तो फिर बताओ,, अब मजा आया या नहीं,,

मैंने भी मुस्कराते हुए कहा - बहुत ,, बहुत ,,, बहुत मजा आया है ,,

राहुल ने मेरी चुत में घुसे हुए अपने ढीले हो रहे लंड को एक धक्का लगाकर मुस्कराते हुए कहा - मेरा यह कैसा लगा आपको,, आपको पसंद आया मेरा यह,,,????

मैंने भी फिर से मुस्कराते हुए कहा - इसका नाम नहीं है कुछ,,

अब की बार राहुल कुछ ज्यादा ही मुस्कराते हुए बोला - मैं इसकी बात कर रहा हूँ,, अपने लंड की,, जो तुम्हारे अंदर घुसा पड़ा है,, (साथ ही राहुल ने अपने लंड का एक और झटका मेरी चुत में लगा दिया)

मैनें कहा - यह तो मुझे बहुत पसंद आया है ,, बहुत ही मजेदार है तुम्हारा लौड़ा,, अभी तो मुझे ढेर सारा प्यार करना है इस से,,,

तो राहुल बोला - क्यों नहीं,, अभी तो पूरी रात आपको ऐसे ही मजा देगा यह,, और आप जितने दिन तक यहाँ हो हर रोज ऐसे ही प्यार करेगा यह आपको,,

फिर राहुल का लंड ढीला होता हुआ मेरी चुत से बाहर आ गया,, राहुल मेरे ऊपर से उठ गया और मैं भी उसके ऊपर से उठ गई और टेबल से भी उतर गई,,, मैंने टेबल पर देखा,, राहुल का मेरा वीर्य बह बह कर टेबल पर ढेर लग चूका था,, और कुछ वीर्य मेरी चुत से निकल कर मेरी झांगों पर बह रहा था ।

मैंने राहुल के लंड के तरफ देखा,, उसका काला लंड मेरी चुत रस से सना हुआ चमक रहा था,,, लंड पहले से ढीला पड़  चूका था मगर अभी भी काफी लम्बा दिख रहा था,, 

फिर मैं जिम लगाने वाले बैंच पर बैठ गई,, और राहुल के लंड को अपने हाथ से मसलने लगी ता की वो फिर से मेरी चुत में घुसने के लिए तैयार हो जाये,, राहुल मेरे सामने खड़ा हो गया और मेरे बालों को पकड़ कर सहलाने लगा, बैंच की ऊंचाई कम होने की वजह से राहुल का लंड मेरे मुंह के सामने था,, धीरे धीरे राहुल का लंड फिर से अकड़ने लगा,, मैं अपने होंठों से राहुल के लंड को चूमने लगी और उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी,, 

मेरे इस तरह से लंड को चाटने से राहुल मदमस्त होने लगा और मेरे बालों को पकड़ कर मेरे मुंह में अपना लंड ठूसने लगा,, मैंने भी अपना मुंह खोला और राहुल का लंड अपने मुंह में भर लिया, राहुल अपनी कमर को हिला हिला कर मेरे मुंह को चोदने लगा,, राहुल का लंड पहले जैसे ही तन कर सख्त हो चूका था, अभी तक तो राहुल के लंड का सुपाड़ा ही मेरे मुंह में घुस रहा था,, मगर राहुल जिस तरह से मेरे मुंह में अपना लंड घुसा रहा ऐसा लगता था की वो जड़ तक अपना लंड मेरे मुंह में घुसाना चाहता था,,

मैंने भी अभी तक बहुत सारे लंड को चूसा तो जरूर था मगर कभी किसी का लंड जड़ तक अपने मुंह में नहीं लिया था,, जो आज मैं लेना चाहती थी,, मैंने अपने मुंह को थोड़ा और खोल दिया और राहुल को अंदर तक अपना लंड घुसवाने दिया,, राहुल का 9  इंच का लंड  देखते ही देखते मेरे गले तक उतर गया, एक पल के लिए तो ऐसा लगा जैसे मेरी सांस ही अटक जाएगी,, मैंने झट से राहुल को पीछे धकेला और उसका लंड अपने मुंह से बाहर निकाल दिया,,

राहुल फिर से मेरे बालों को सहलाते हुए अपना लंड मेरे मुंह में ठूसने लगा,, राहुल का लंड एक बार मेरे गले तक उतर चूका था,, जिसका मजा राहुल को आया ही होगा,, मुझे भी बहुत मजा आया था,, क्योंकि जड़ तक मुंह में लंड लेने की इच्छा तो मेरी पहले से ही थी,, बस मौका आज मिला था,, मैंने राहुल को बिना रोके फिर से उसका लंड अपने मुंह में ले लिया और फिर से अपना सारा मुंह खोल दिया,, राहुल ने फिर से मेरे सर के बालों को पकड़ कर अपना लंड मेरे मुंह में गाड़ दिया, अब की बार फिर से राहुल का लंड मेरे गले तक पहुँच गया,, उसके लंड की दोनों गोटियां मेरी ठोडी से टकरा गई, अब की बार मैंने उसका लंड नहीं निकाला,, बल्कि राहुल ने खुद ही अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर से मेरे गले तक लंड घुसेड़ दिया, राहुल ने कुछ देर ऐसे ही लंड को मेरे मुंह में रहने दिया और मेरे बालों को सहलाते हुए प्यार करने लगा,, 

मेरे दोनों हाथ उसकी कमर पर थे,, मैंने फिर से राहुल को थोड़ा पीछे धकेल दिया और उसका लंड अपने मुंह से बाहर निकाल दिया,, ऐसे ही राहुल ने 4-5 मेरे मुंह में अपना लंड जड़ तक घुसेड़ा और बाहर निकाला,, मेरे मुंह से निकली थूक की लार लंड से टपक रही थी, जिस को मैंने अपनी जीब से चाट लिया । मेरे होंठ और ठोडी भी लार से भीग चुकी थी,, राहुल ने भी अपनी जीब से मेरे होंठ और ठोडी को चाट कर साफ़ कर दिया ।

अब राहुल ने मुझे घोड़ी बन जाने को कहा और मैं वही जिम की मशीन को पकड़ कर नीचे झुक गई, राहुल ने थूक से भीगा हुआ लंड फिर से मेरी चुत में घुसेड़ दिया और पीछे से मेरे बालों को पकड़ कर मेरी घुड़सवारी करने लगा,, 

मैं भी उसके झटकों का जवाब अपनी कमर हिला हिला कर देने लगी,, कुछ देर तक वो मुझे ऐसे ही चोदता रहा, और फिर वो खुद जिम के बैंच पर लेट गया और मुझे अपने लंड पर बैठने को कहा,,, मैं भी दोनों तरफ टाँगे करके उसके लंड के ऊपर बैठ गई और उसका लंड सीधा मेरी चुत में घुस गया, मैं उछल उछल कर अपनी चुत की चुदाई करवाने लगी और सामने दिवार पर लगे हुए आईने में से खुद को देखने लगी, मेरे दोनों बूब्स भी मेरे साथ उछल रहे थे,, जिनको राहुल अपने हाथ में पकड़ कर मसल रहा था,,


फिर राहुल बैंच पर बैठ गया और वैसे ही लंड को चुत में डाले हुए ही मेरी दोनों टांगों के नीचे से अपनी बाहें डाल कर मुझे ऊपर उठा लिया और खुद भी खड़ा हो गया,, और फिर खड़े खड़े ही नीचे से अपना लंड जोर जोर से मेरी चुत के अंदर बाहर करने लगा,, मैं भी उसके गले में बाहें डालें हुए अपनी ताबड़तोड़ चुदाई का मजा ले रही थी,, साथ ही सामने लगे आईने से अपने आप को देख रही थी,, सच में बहुत मजा आ रहा था अलग अलग पोज़ में चुत चुदवाने का,, मेरी काली रेशमी जुल्फें हवा में लहरा रही थी और मैं भी राहुल की बाहों में हवा में ही चुद रही थी,, 

ऐसे ही राहुल मुझे अलग अलग पोजीशन में रात भर चोदता रहा,, जब हमने टाइम देखा तो सुबह के 4 बज चुके थे,, मुझे नेहा ने बताया था की मौसा जी सुबह जल्दी उठ जाते हैं इस लिए मैंने राहुल को ऊपर कमरे में जाकर सोने के लिए कहा,, वैसे भी रात भर की चुदाई हम दोनों ही थक चुके थे ।

राहुल भी मान गया और उसने जल्दी से अपने कपडे पहन लिए,, मैंने भी अपना पजामा और टी-शर्ट पहन ली ,,,  फिर मैनें राहुल को कहा की तुम पहले ऊपर जायो और मैं बाद में आती हूँ,, क्योंकि हम दोनों को किसी ने एक साथ देख लिया तो बहुत गड़बड़ हो जाएगी,, राहुल भी मेरी बात मान गया और वो पहले ऊपर चला गया,, और मैं नीचे ही सीढ़ियों को पास खड़ी हो गई,

राहुल के जाने के कुछ देर बाद मैं भी सीढ़ियां चढ़ने लगी,, अभी अभी मेरी चुत में लम्बा चौड़ा लंड घुसा था जिस की वजह से मुझे सीढ़ियां चढ़ने में भी दिकत हो रही थी,,,  मगर जैसे ही मैं सीढ़ियां चढ़ी मौसा जी भी अपने रूम से बाहर निकल आये,, और उन्होंने लॉबी की लाइट जला दी,, मैं भी उनको देख कर घबरा गई और वो भी मेरी तरफ हैरानी से देखने लगे,,,

उन्होंने मेरी हालत देखते हुए कहा - कोमल,, तुम नीचे से कहा से आ रही हो,,

मैंने कुछ घबराते हुए कहा - आ.. आ... आ... मौसा जी,, वैसे ही नीचे टहलने गई थी,, और फिर जल्दी से मैं अपने कमरे की ओर चली गई ।

मगर मेरी बिखरी हुयी जुल्फें,, पसीने से भीगा हुआ बदन और मेरी बिगड़ी हुयी चाल देखकर मौसा जी को कहा यकीन होने वाला था,, मुझे पता था की वो अपना शक दूर करने जरूर नीचे देखने जायेंगे,, मैंने सोचा की शुक्र है की मौसा जी ने मुझे और राहुल को एक साथ नहीं देखा,, वर्ना बिना बताये ही वो सब कुछ समझ  जाते,,


मैं अपने कमरे में गई तो गोपी और नेहा अभी भी गहरी नींद में सो रहे थे,, राहुल बैड पर लेटा हुआ मेरा इंतजार कर रहा । मैं फिर से बैड पर राहुल के साथ वाली जगह पर लेट गई,, और अपने चुत मसलने लगी,,  तभी मुझे अचानक से याद आया की मैंने अपनी पैंटी तो पहनी ही नहीं,, और जल्दबाजी में अपनी पैंटी नीचे ही छोड़ आई हूँ,, मैं यह सोच सोच कर घबराने लगी की अगर मेरी पैंटी मौसा जी ने देख ली तो क्या होगा

तो दोस्तों, अगली सुबह क्या हुआ,, वो मैं आपको अगले भाग में बताउंगी

मुझे मेल जरूर करना और बताना की आपको मेरा यह किस्सा कैसा लगा..

komalpreetkaur29285@gmail.com