फिर कंचन ने विकी की पीठ पर हाथ फिराते हुए उसकी बनियान को उतार फेंका
और विकी ने भी कंचन के गाउन को उपर उठा कर उसके गले से निकाल दिया,,, अब कंचन पूरी तरह से
नंगी हो चुकी थी, कंचन
के गोरे और मखमली बदन से विकी अपने चेहरे को रगड़ रगड़ कर चूमने लगा,, कंचन की उभरी हुई नंगी छाती विकी के दोनों हाथों में आ चुकी थी और विकी उन मोटे
चुचों को अपने हाथों की उँगलियों में दबा दबा कर उनका दूध निकालने में लगा
हुआ था,,, कंचन की रेशमी और काली जुल्फें खुलकर बिस्तर पर बिखरी पढ़ी थी,, जिस
में से मदहोश कर देने वाली खुसबू आ रही थी..,
विकी ने अभी भी अंडरवेर पहना हुया था,, कंचन ने लेटे हुए ही विकी के अंडरवेर को नीचे सरका दिया और विकी ने भी अपनी टाँगे मोड़ते हुये अपना अंडरवेर निकाल फेंका.. अंडरवेअर निकलते ही विकी का तना हुआ लंड कंचन की रस से भरी हुयी चूत पर जा टकराया,, 10 इंच का लम्बा लंड चूत पर गिरते ही कंचन की चूत के होंठ फड़फड़ाने लगे,, उसकी चूत लंड को अपने अंदर समा लेने के लिए तड़पने लगी,, कंचन हवस के नशे में चूर हुयी अपनी गांड उठा कर विकी के लंड से अपनी चूत रगड़ने लगी,
कंचन की चुचियाँ सखत हो चुकी थी और उसके निपल भी तन चुके थे,, कंचन सिसकारियां भरते हुये विकी के नीचे दबी हुयी मचल रही थी,, और विकी की कमर को पकड़ कर उसके लंड का दबाव अपनी चूत पर डालने लगी,,, उधर विकी का लंड भी लोहे की लठ की तरह सख्त होकर चूत में घुसने के लिए छलांगे लगा रहा था ,,
विकी ने अपना मोटा लौड़ा हाथ में पकड़ा और कंचन की गीली चूत के साथ रगड़ने लगा ,, मगर कंचन तो जल्दी से जल्दी अपनी चूत में लंड घुसवाने के लिए बेकरार हो रही थी,, उसने खुद अपना हाथ आगे बढ़ाते हुये विकी के लंड को हाथ में थामा और अपनी चूत के दोनों होंठों के बीच में रख दिया,, मगर विकी के लंड को हाथ में पकड़ते ही कंचन को पता चल गया की यह लंड राजेश के लंड से कही ज्यादा बड़ा है,
कंचन
एक बार तो सोचने को मजबूर हो गई की राजेश का लंड ही उसकी चूत में बड़ी
मुश्किल से घुसता है,, तो यह इतना बड़ा मुसल लौड़ा उसकी चूत को फाड़ कर रख
देगा,, मगर अब जिस तरह से उसकी चूत लंड को अपने अंदर घुसवाने के लिए तड़प
रही थी,, और उसके तन बदन में जो आग लगी हुयी थी उसे बुझाने के लिए वो कुछ
भी सहने को तैयार थी,,
कंचन ने विकी के लंड को अपनी चूत के दोनों होंठों के बीच में रखते हुये विकी के कान में धीर से फुसफसाते हुये कहा -आह्ह्ह्ह,,, धीरे धीरे से अंदर डालो,, विकी,,,
कंचन के मुँह से अपना नाम
सुनकर विकी को यकीन हो गया की उसकी बहन सच में अपने भाई से चुदवाने को
तैयार है,, विकी ने लंड पर हल्का सा दबाव डालते हुए कहा - हा,,, ठीक है
दीदी,, यह लो,,,, धीरे धीरे से ही डालूंगा
(विकी के मुँह से दीदी लफज सुनकर कंचन थोड़ी सी हँसने लगी, और साथ ही विकी भी हंस दिया,,)
कंचन
ने विकी का लंड चूत के अंदर लेते हुए मुस्कराते हुए कहा - दीदी भी बोलते
हो और दीदी की चूत में लंड भी घुसाते हो,, (साथ ही विकी के लंड का सूपड़ा
चूत में घुसने से कंचन की हलकी सी चीख निकल गयी )
,, तो क्या करता दीदी,, आप
हो ही ऐसी कमसिन सुंदरी की हर कोई आपको चोदना चाहता है,, (विकी अपने लंड को और अंदर घुसेड़ता हुआ बोला)
जैसे जैसे कंचन की चूत में लंड घुस रहा था, उसकी टाँगे अपने आप खुलती जा रही थी,,
कंचन सिसकियाँ भरती हुयी बोली - आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,,, आह्ह्ह्ह्ह,, आअहह,, हर कोई चोदना चाहता होगा,,, विकी,, मगर तुम भी अपनी दीदी को चोदना चाहते थे, यह मैं नही जानती थी,, (साथ ही कंचन ने अपनी टाँगो उपर उठाते हुए अपनी चूत को और फैला दिया)
कंचन की टाइट और गरम चूत में लंड घुसेड़ते हुये विकी बोला - आहह,,, दीदी,,, बहुत बार आपको सोते हुए नंगा देखा है ,,, और जब से आपकी बालों से भरी हुई चूत देखी थी,,, तब से मेरा लंड बस आपके नाम की ही मूठ मारता था,,,,, दिन रात बस आपकी चूत के ही सपने लेता था,,,,, (विकी ने कंचन की टाँगो को पकड़ कर एक और हल्का सा झटका ल्गा दिया)विकी का मोटा लंड चूत में घुसने से कंचन और क्राहने लगी - आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह विकी,, तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है,, धीरे धीरे घुसेड़ना मेरी चूत में..,, कही एसा ना हो की तुम्हारे जीजा का लंड लेने के काबिल ही ना रहे मेरी चूत,,,,आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
विकी कंचन की मदमस्त आवाज़ें सुनकर बेकाबू हो रहा था,, उसका मन तो कर रहा था की एक ही झटके में पूरा लंड चूत में घुसेड दे,, मगर क्या करता उसके सामने उसकी अपनी दीदी थी,, जिस को वो तकलीफ़ नही देना चाहता था,,
इस लिए वो बड़े आराम से चूत में लंड घुसेड़ता हुया बोला - हा दीदी, धीरे धीरे ही घुसेड रहा हूँ,, मगर दीदी अब तो आपकी चूत बहुत खुल चुकी है,, अभी भी आपको दर्द हो रहा है,,,,
कंचन फिर से क्राहते हुए बोली - आअह्ह्ह्ह,,, हा विकी,, दर्द तो होगा ही,,,तुम्हारा लंड भी तो तुम्हारे जीजू से कितना बड़ा है,, और मेरी तो अभी नयी नयी चुदाई शुरू हुई है,,, और पहले पहल तो दर्द होता ही है,,, आअह्ह्ह्ह,,,
जैसे जैसे विकी का मूसल लंड कंचन की टाइट चूत में घुसता जा रहा था,,, कंचन को अपनी चूत फटती हुई मालूम हो रही थी,, कंचन ने विकी के लंड को हाथ से पकड़ते हुए देखा की अभी तक विकी का आधा लंड ही उसकी चूत में घुसा था,,
कंचन ने विकी को कुछ देर ऐसे ही रुकने के लिए कहा,, टाइट चूत में मोटा लंड घुसेड़ने से विकी के लंड में भी दर्द हो रही थी ,,, इस लिए विकी भी कुछ देर के लिए कंचन की चूत में लंड घुसेडे हुए वही रुक गया,,
कंचन फिर से विकी से बातें करने लगी - विकी तुम को मेरे रूम में आकर और यह सब करते हुए डर नही लगा,, अगर में इस सब के बारे में मम्मी पापा को बता देती तो... (कंचन ने विकी बालों में हाथ घूमाते हुए कहा)
विकी - डर तो लग रहा था दीदी,,, मगर जब से मैने आपकी चूत को देखा था,, मेरी तो रातों की नींद उड़ गयी थी,, और दीदी आपकी चूत पर तो में एक बार पहले भी लंड रगड़ चुका हूँ,, तब भी आप सो रही थी,,
कंचन तो उस बारे में सब जानती थी मगर फिर भी उसने हैरान होते हुए कहा - क्या,,, विकी,,, तुम पहले भी मेरी चूत पर अपना यह मूसल लंड रगड़ चुके हो ,,, बड़े हरामी भैया हो तुम,, (कंचन ने साथ ही विकी के लंड को अपने हाथ से दबा दिया,,) और फिर बोली - लंड को सिर्फ़ चूत के उपर रगड़ा था या चूत के अंदर भी घुसाया था,,
विकी ने शरारती हँसी हंसते हुए - नही,,, दीदी अंदर तो नही घुसाया था,,, क्योंकि उस वक़्त आपकी चूत अब की तरह खुली हुई नही थी,, मगर काश में उस वक़्त भी आपकी चूत में लंड घुसेड देता,,, तो अब तक मैं मूठ मार मार के रातें नही गुज़ारता,, क्यों दीदी,, आप उस वक़्त भी मुझसे चुदवा लेती ना... (विकी ने उत्सुकता से पूछा )
कंचन - नही... विकी,,, मैं उस वक़्त तुमसे बिल्कुल भी नही चुदवाती,, और अगर मैं उस वक़्त तुमसे चुदवा भी लेती तो,, तुम्हारा यह मूसल लंड पता नही मेरी कुँवारी चूत का क्या हाल बना देता,, और फिर तुम्हारे जीजा जी मेरी चूत देखते ही पहचान जाते की यह तो पहले से ही किसी बड़े लंड से चुदी हुई है,,
बातें करते हुए कंचन एक हाथ से अपनी चूत और विकी को लंड को सहला रही थी और दूसरे हाथ से विकी के बालों को सहला रही थी,, जिस से विकी को भी बहुत मज़ा आ रहा और वो भी अपनी दीदी के उपर लेटा हुया उसके बड़े बड़े मम्मो से अपने मुंह के साथ खेल रहा था.
विकी फिर से कंचन के बदन को सहलाते हुए बोला - अच्छा दीदी,, जीजा जी को तुम्हारी कुँवारी चूत की
सील तोड़ने में तो बड़ा मज़ा आया होगा,,, बहुत बार चोदा होगा जीजा जी
ने तुमको ,,, और खूब रगड़ के चोदा होगा,,,, तुम्हारे जैसी चूत देखकर तो वो पागल हो गये होंगे,,
कंचन (मुस्कराते हुए) - हा,,,विकी,,, वो तो सच में पागल हो गये थे,, मेरी सील तोड़ कर,,,,, बहुत बार चोदा था उन्हुने मुझे ,,, हनीमून में भी दिन रात मेरी चुदाई ही करते थे वो,,,, देखो ना ऐसे ही थोड़ा ना मेरी चूत की यह हालत हो गयी है,, (ऐसा बोलते हुए साथ ही कंचन ने अपनी चूत का विकी के लंड पर एक हल्का सा झटका भी दे दिया,,, जिस से कंचन की गीली चूत में विकी का लंड और थोड़ा सा घुस गया)
विकी ने भी इस झटके को फिर से चुदाई शुरू करने का इशारा समझते हुए कंचन की चूत में अपने लंड का दबाव बड़ा दिया,, और साथ ही विकी कंचन की होंठों को भी चूसने लगा,,
चूत में लंड घुसता देख कंचन के मुँह से फिर से सिसकारियाँ निकलने लगी,,, और वो भी विकी का साथ देने लगी,, धीरे धीरे विकी का लंड कंचन की चूत की दीवारों को फैलाता हुए कंचन की चूत में घुसने लगा,, कंचन पूरी मस्ती में सिसकारियाँ भर भर कर विकी की पीठ दबा रही रही थी ,,, और अपनी टांगे उठाए हुए नीचे से अपनी चूत का दबाव वी विकी लंड पर बड़ा रही थी,,,,,
इस सब में विकी के लंड में भी तेज दर्द हो रहा था,,, ,,विकी को ऐसा लगा जैसे टाइट चूत की वजह से उसके लंड का सूपड़ा खिंच रहा
हो,,, मगर वो बिना दर्द की परवाह किए अपने लंड को कंचन की चूत में घुसाता जा रहा था,, कंचन और विकी मदहोश हो कर एक दूसरे के बदन से चिपकते जा रहे थे,,, और एक दूसरे में समा जाने के लिए अपनी चूत और लंड का ज़ोर लगा रहे थे,,,
देखते ही देखते विकी का पूरा लंड कंचन की चूत में घुस गया,, पूरा लंड अंदर घुसते ही कंचन ने अपनी उठी हुई टाँगों को विकी की कमर से लपेट लिया,,और अपनी चूत को उपर उठाते हुए विकी के साथ चिपक गयी,, जैसे वो चाह रही थी की विकी का थोड़ा सा भी लंड उसकी चूत से बाहर ना रह जाए,,,, विकी भी यही चाहता था की वो लंड को जड़ तक कंचन की चूत में पेल दे,,, उसने भी अपने घुटनों को अड्जस्ट करते हुए एक तगड़ा झटका कंचन की चूत पर दे मारा,,,,
लंड तो पूरा का पूरा कंचन की चूत में घुस ही चुका था, अब तो ऐसे झटकों से कंचन को मज़ा ही आने वाला था,, मगर फिर भी उसके मुँह से आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,,,आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकल रही थी ,,,, जिसका मतलब था की अब कंचन लंड की पेलाई का मज़ा लेना चाहती थी,,, वो नीचे से अपनी गांड को गोल गोल घुमा कर विकी के लंड को अपनी चूत में अड्जस्ट करने लगी,,, विकी भी कंचन का साथ देते हुए उसकी चूत में अपने लंड को घुमाने लगा,,,
आख़िर विकी के लंड ने भी अपना लावा उगलना शुरू कर दिया,,, वीर्य की बौछाड़ कंचन की चूत में ही शुरू हो गयी,, विकी तेज तेज झटकों से कंचन की चूत में धके लगाने लगा,, कंचन हर धके से उपर की ओर खिसक जाती,,, उसकी नाज़ुक चूत अभी इतनी भी चुदकड़ नही हुई थी की वो एक बड़े लंड से जबर्दसत चुदाई करवा ले,,, विकी के आखिरी धक्के के साथ उसके वीर्य की आखिरी बून्द भी कंचन के चूत में निकल गई,, दोनों एक दूसरे के साथ कसके लिपट गए,, दोनों ही इस जबरदस्त चुदाई के मजे में खो चुके थे और अपनी कामयाबी पर खुश हो रहे थे,, धीरे धीरे विकी का लंड ढीला होने लगा और कंचन की चूत से बाहर निकल गया,,
कंचन एक दम से घबरा कर उठी,, और अपनी चूत की तरफ देखने लगी, उसकी चूत के आस पास सच में खून फैला हुया था,, उसने डरी हुई आवाज़ में विकी को कहा - ओह्ह्ह विकी,,,, यह तुमने क्या कर दिया,,, देखो ना तुमने तो मेरी चूत ही फाड़ दी...,,,
विकी भी जल्दी से घबरा कर उठा - क्या दीदी,,, चूत कैसे फट गयी,, मैनें तो बहुत धीरे धीरे किया था,,
कंचन फिर से घबराए हुए बोली - पता नही,,,कैसे फट गयी,,, यह देख मेरी चूत कैसे खून से लथपथ है,,, विकी अगर तुम्हारे जीजाजी को पता चल गया तो मेरा क्या होगा,,, ओह्ह्ह्ह्ह विकी,,, लाइट जला कर देखो,, पता नही कहाँ से फटी है,, (कंचन ने अपनी चूत के होंठों को फैलाते हुए कहा,,,
हा,, जलाता हूँ दीदी,,,, - विकी ने बिस्तर से उतरते हुए कहा,, विकी ने जल्दी से लाइट जलाई और कंचन की चूत की तरफ देखने लगा,, सच में कंचन की चूत पर कुछ खून लगा हुया था,, तभी कंचन की नज़र विकी के लंड पर पड़ी,, तो विकी की लंड पर भी खून लगा था,,,
कंचन घबराते हुए बोली,,, ओह्ह्ह्ह विकी देखो ना तुम्हारे लंड पर भी खून लगा हुया है,, मतलब की तुमने अंदर से मेरी चूत फाड़ दी है,,,,
विकी भी घबरा कर अपने लंड की ओर देखने लगा,, सच में उसके लंड पर भी खून लगा हुया था,, विकी ने अपने लंड को पकड़ते हुए देखा,,, अभी विकी कुछ बोलने वाला ही था की विकी के लंड से खून के कुछ तुप्के बिस्तर पर गिर गये,,,
जिस से कंचन बोली - अरे विकी यह खून तो तुम्हारे लंड से बह रहा है,,,,
विकी घबरा कर बोला - क्या मेरे लंड से,,, खून,, हा दीदी,, यह तो सच में मेरे ही लंड से बह रहा है,, और मेरे लंड में हल्की हल्की दर्द भी हो रही है,, और जब मेरा लंड आपकी चूत में था,, तो उस वक़्त मेरे लंड में दर्द भी बहुत ज़्यादा हुया था,,,
कंचन मुस्कराते हुए बोली,, - ओह्ह्ह शूकर है भगवान का,,, मतलब सब कुछ ठीक है,,, मेरी चूत नही फटी,,, यह तो तुम्हारे लंड का टांका टूटा है,,,
विकी फिर से घबराते हुए बोला - क्या दीदी,, मेरे लंड का टांका,,, वो कैसे....
कंचन ने लंबी सांस लेते हुए कहा - बताती हूँ,,, पहले लाइट बंद करके बिस्तर पर आ जाओ,, फिर बताती हू,,,
विकी ने जल्दी से उठकर लाइट बंद करदी और फिर कंचन के साथ आकर लेट गया,, और बोला - हा अब बताओ दीदी,,, मेरे लंड से क्यों खून बह रहा है,,
कंचन ने कपड़ा लिया और विकी के लंड को साफ करते हुए बोली- विकी ,, जैसे पहली चुदाई में लड़की की सील टूटती है उसी तरह से लड़के के लंड में भी एक टांका होता है,, उसे भी तुम सील ही समझ लो,, बस वो ही सील तुम्हारी आज टूटी है,, और जिस को मैंनें तोड़ा है,,, साथ ही कंचन मुस्कराने लगी,,
कंचन फिर से मुस्कराती हुई बोली - तो आज देख लिया ना,,, की लड़कियाँ भी किसी से कम नही हैं,,
विकी कंचन के बदन पर हाथ घूमता हुया बोला - मगर दीदी,, यह सब कुछ तुमको कैसे पता,, कही उस दिन जीजा जी की भी सील तुमने ही तो नही तोड़ी थी,,,
कंचन हल्का से मुस्कराते हुए बोली - उस दिन तो मेरी चूत से ही इतना खून निकल रहा था की मैनें तुम्हारे जीजा जी के लंड की तरफ ध्यान ही नही दिया,, मगर मैनें से यह सब स्कूल में अपनी सहेलियों से सुना था,,
अछा दीदी,,,,, तो तुम स्कूल में यह सब बातें भी करती थी,, (विकी ने कंचन के मोटे मोटे मम्मों को दबाते हुए कहा)
कंचन ने भी विकी के लंड को हाथ से टटोलते हुए और मुस्कराते हुए कहा - ,, हाँ,, तुम लड़के ऐसी बातें नही करते हो क्या,,, और फिर एक साथ ही दोनों धीमी आवाज़ में हँसने लगे,,
कंचन ने भी अपनी बाहें विकी की कमर से लपेट ली और उसकी पीठ को सहलाने लगी,, जैसे ही विकी कंचन की दोनों टाँगों के बीच में आया कंचन ने अपनी टांगे चौड़ी कर दी,, और विकी कंचन के उपर लेट कर अपना लंड कंचन की चूत के साथ रगड़ने लगा,,, कंचन भी अपनी चूत को विकी के लंड से रगड़ने लगी,, दोनों के बदन फिर से काम की वासना में दहकने लगे,, अब की बार दोनों पहले से ज़्यादा देर तक चुदाई का मज़ा लेना चाहते थे..



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